आईएलएंडएफएस मामले में सेबी ने इक्रा, केयर, इंडिया रेटिंग्स पर लगाया जुर्माना

ट्रेड निवेश : पूंजी बाजार नियामक सेबी वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी आईएलएंडएफएस के मामले में उसके नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) को रेटिंग जारी करते समय लापरवाही बरतने को लेकर इक्रा, केयर और इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च पर जुर्माना लगाया है.




इन सभी पर अलग-अलग 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेबी ने कहा है कि कंपनी की ओर से भुगतान में चूक की स्थिति रेटिंग एजेंसियों के ढुलमुल रवैये, लापरवाही तथा ढिलाई की वजह से पैदा हुई हुई.

नियामक ने तीनों रेटिंग एजेंसियों के लिए अलग आदेश जारी किए हैं, जिनमें एक जैसी शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए तीनों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है.

यह मामला आईएलएंडएफएस और उसकी सहयोगी कंपनी आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सविर्सेज के डिफॉल्ट से जुड़ा है, जिसके तहत कंपनी कमर्शियल पेपर्स, इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स और एनसीडी से जुड़े ब्याज का भुगतान नहीं कर पाई थी.

बाजार नियामक ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (सीआरए) द्वारा निभाए गई जांच भूमिका की समीक्षा की. इसमें केयर रेटिंग्स और इक्रा भी शामिल रहे. नियामक ने केयर रेटिंग्स लिमिटेड, इक्रा लिमिटेड और इंडिया रेटिंग्स सहित कुछ अन्य एजेंसियों की भूमिका की जांच की.

सेबी के मुताबिक, आईएलएंडएफएस और इस समूह की कंपनियों के वित्तीय मानक, खासतौर से उनका शॉर्ट टर्म कर्ज, डेट इक्विटी अनुपात, दीर्घावधि कर्ज की मौजूदा मैच्योरिटी, परिचालन मुनाफा जैसी कई बातें उतने अनुकूल नहीं थे जैसा की इन एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में आकलन किया था.

आईएलएंडएफएस के संकट का मामला पिछले साल सितंबर में सामने आया. उसके बाद सरकार ने कंपनी के बोर्ड को बर्खास्त कर नए बोर्ड का ऐलान किया था. तब से यह कंपनी और इसकी इकाइयां नियामक की जांच के घेरे में हैं.

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